Last Updated on December 10, 2023 by Dr Sharon Baisil MD
आज मधुमेह न केवल भारत में, अपितु सम्पूर्ण विश्व में फैली हुई एक गंभीर समस्या है। इस रोग ने विश्वभर में 445 मिलियन से अधिक लोगो को प्रभावित किया हुआ है। आज मधुमेह प्रत्येक दूसरे तीसरे लोगो में पाए जाने वाला एक समान्य रोग हैं। इस रोग का कोई सटीक उपचार नहीं है, केवल और केवल इसका उचित प्रबंधन ही हमे इसके गंभीर परिणामों से सुरक्षित रख सकता है। इससे पहले की हम इस लेख में आगे बढे और इसके प्रबंधन पर चर्चा करे, हमारे लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस रोग के मुख्य कारण क्या है।
सर्वप्रथम मधुमेह रोग के लक्षण को 1552 ई.पू. में पाया गया था और उसके बाद ही यह बड़ी तीव्रता से सम्पूर्ण विश्व में फैल गया। मधुमेह एक ऐसा रोग है जो यदि आपको एक बार हो जाये तो सम्पूर्ण जीवन आपका पीछा नहीं छोड़ता है, साथ ही शरीर में अन्य रोगो को भी आमंत्रण देता है। मधुमेह रोग के अनेकों कारण है, जिनमे से कुछ इस प्रकार है – रक्त में शर्करा की अधिक मात्रा, अनुवांशिक कारण, इंसुलिन हार्मोंन का कम उत्पादन, मोटापा आदि। जैसे हमने अभी बताया कि यह न केवल आपके शरीर को सम्पूर्ण जीवन के लिए प्रभावित करता है, बल्कि अन्य रोगो को भी आमंत्रण देता है, इसीलिए इस रोग का उचित प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हम इस लेख में आपको प्रबंधन के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देंगे और साथ आपको एक ऐसे उत्तम ईबुक (Ebook) के बारे में भी बताएँगे जो आपको मधुमेह और इसके प्रबंधन की सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेगा। आप डॉ शेरोन बैसिल द्वारा मधुमेह पर लिखित इस ईबुक (Ebook) को खरीद सकते है जहां आपको सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलेंगी।
मधुमेह का कोई सटीक उपचार नहीं है, इसे केवल उचित प्रबंधन और उचित आहार योजना के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है। आहार योजना और मधुमेह प्रबंधन दोनों एक साथ चलते है। एक दूसरे की भागीदारी के बिना दोनों ही लक्ष्यहीन हो जाते है। एक आहार योजना एक साथ अनेको लाभ प्रदान करती है। एक बार जब आप सही मात्रा में सही समय पर दोहराये आधार पर खाना शुरू करते है तो उत्पन्न हो सकने वाले आधे से अधिक समस्याएं या तो अपना मार्ग भटक जाते है या समाप्त हो जाते है। भोजन सभी रोगो का एक मुख्य कारण भी और एक मुख्य उपचार भी होता है। उचित आहार योजना के माध्यम से आप कार्बोहाइड्रेट के अत्यधिक सेवन, रक्त स्तर में अनियंत्रित वृद्धि इत्यादि पर नियंत्रण स्थापित कर सकते है जिसका अर्थ है कि आप अपने मधुमेह पर भी नियंत्रण पा लेते है।
भारतीय आहार योजना
चलिए अब आगे बढ़ते है और मधुमेह के प्रबंधन के लिए भारतीय आहार योजना पर चर्चा करते है। मधुमेह के प्रबंधन में आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन शर्त यह है कि आप केवल और केवल उन्ही खाद्यो का सेवन कर सकते है जो आपके शरीर के लिए लाभदायक हो और आपके शरीर को नुकसान पहुंचने वाले कारको को सक्रिय न करे। हम लेख के इस भाग में कुछ ऐसे खाद्यो पर ही चर्चा करेंगे जो मधुमेह से ग्रस्त लोगो के लिए सुरक्षित है।
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्रमांक वाले खाद्य
ग्लाइसेमिक इंडेक्स का उपयोग किसी भी खाद्य पदार्थ के सेवन करने के उपरांत रक्त में शर्करा की हुयी वृद्धि क्षमता का आकलन करने के लिए किया जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्रमांक की गणना इस बात से की जाती है कि किसी खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद रक्त शर्करा में कितनी वृद्धि हुई है बनाम इसके कि कितना शुद्ध ग्लूकोज रक्त शर्करा को बढ़ा सकता है। उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्रमांक की सीमा 70 और उस के बाद से शुरू होती है; मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्रमांक की सीमा 56-69 है, और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्रमांक की सीमा 1 से लेकर 55 के मध्य होती है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्रमांक की सम्पूर्ण जानकारी आप Ebook से प्राप्त कर सकते है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्रमांक वाले खाद्यो में शामिल है –
सब्जिया: फूलगोभी, पत्तागोभी, अजवाइन, करेला, कच्चीगाजर, ब्रोकोली, संतरे के टुकड़ो के साथ शकरकंद, सर्दियों की सब्जिया, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और अधिकतर हरे रंग की सब्जियाँ होतीहैं।
ब्रेड: साबुत अनाज के ब्रेड, मल्टीग्रैन ब्रेड, राई और खमीरी ब्रेड
अनाज: जई, गेहूं, क्विनोआ, और ब्रैन फ्लैक्स
डेरीउत्पाद: दूध, पनीर, दही, नारियल दूध, सोया दूध, और बादाम दूध
चावल: लाल चावल, बासमती चावल, डूंगरा चावल, लंबे चावल, और भूरे चावल
फल: सेब, अमरूद, संतरा, मुसम्बी, स्ट्रॉबेरी, बेर, नाशपाती, कीवी, टमाटर, और अन्य उच्च फाइबर युक्त फल।
उपयुक्त फाइबर युक्त खाद्य
शर्करा और स्टार्च के विपरीत, फाइबर उन कार्बोहाइड्रेट का रूप है जो शरीर द्वारा पचाये नहीं जा सकते है। इसलिए ये शरीर के पोषण में नहीं जुड़ते हैं और रक्त शर्करा के स्तर में परिवर्तन नहीं कर सकते हैं; हालांकि ये पाचन स्वास्थ्य के लिए बहुत प्रभावशाली हो सकते है और कब्ज के लिए एक संभव उपचार हो सकते है। इसीलिए मधुमेह से ग्रस्त रोगियों के उपयुक्त फाइबर युक्त खाद्य लाभदायी होते है। पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, मटर और इसी तरह की सब्जियो में उच्च फाइबर होता हैं और रक्त शर्करा को प्रभावी ढंग से विनियमित करने में सहायता कर सकता हैं।
कुछ अन्य खाद्य जिनका आप सेवन कर सकते है जैसे –
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे भूलगोभी, ब्रोक्कोली, पालक, बंदगोभी, और सलाद में बहुत कम मात्रा में स्टार्च विद्यमान होता है, जो इन्हे निर्दिष्ट रूप से मधुमेह से ग्रस्त लोगो के लिए लाभदायी बनाता है। इन स्टार्च मुक्त हरी सब्जियों का सेवन बिना किसी चिंता के किया जा सकता है और ये रक्त स्तर में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं करते है।
पटसन के बीज
पटसन के बीज सिकोलोसाइलेरीसिनोल डिक्लोकोसाइड (एस.डी.जी) का सबसे अच्छा स्त्रोत है, जो लिग्निन को शरीर में एंटरोडिओल और एंटरोलैक्टोन में परिवर्तित कर देते है। शरीर पर इसकी एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमता और हृदय रोगो से शरीर की रक्षा करने की इसकी क्षमता, मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को अनेकों लाभ प्रदान करती है।
नट्स
नट्स जैसे बादाम प्रोटीन और वसा का एक उच्च स्त्रोत है, जो इसे मधुमेह से ग्रस्त लोगो के लिए एक उत्तम खाद्य बनाते है। ऐसा इसीलिए है क्योकि बादाम के एक सेवन में, जिसमे करीबन 23 बादाम होते है, 164 कैलोरी, 6 ग्राम प्रोटीन, और 3.5 ग्राम फाइबर आहार शामिल होते है। अनेको अध्यनो से यह पता चला है कि बादाम के नियमित सेवन से रक्त ग्लूकोस का स्तर कम हो जाता है और मधुमेह की संभवत संभावना में इन्सुलिन का स्तर बढ़ जाता है।
जैतून का तेल
जैतून के तेल में फेनोलिक पाया जाता है जो मधुमेह से ग्रस्त रोगियों के लिए अत्यंत लाभदायी होता है। इसके सेवन से रोगियों के चयापचयों में नाइट्रिक ऑक्साइड की वृद्धि होती है और शरीर का ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो जाता है।
अंडे
अंडे, इनके उच्च पोषण गुणों और प्रति सेवारत में केवल 1/2 ग्राम की कम कार्बोहाइड्रेट मात्रा के कारण मधुमेह से ग्रस्त लोगो के लिए खाद्य का एक अच्छा स्त्रोत है, जोकि रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाने के लिए सक्षम नहीं है। इसके आलावा, यह विटामिन ए, डी, ई, के और खनिज जैसे आयरन और ताम्बा का एक उत्तम स्त्रोत है।
हल्दी
हल्दी में उच्च मात्रा में कर्क्यूमिन पाया जाता है, जोकि शरीर के लिए कई शारीरिक और औषधीय स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मधुमेह विरोधी है।
ये कुछ खाद्य है जिन्हे आप अपने आहार में शामिल कर सकते है। चलिए अब भारतीय आहार योजना के एक नमूने की ओर बढ़ते है जिसे हमने आपके लिए तैयार किया है –
भारतीय आहार योजना (नमूना)
सुबह 8:30 बजे
1 गिलास दूध (बिना अतिरिक्त चीनी के)
2 उबले हुए अंडे का सफेद हिस्सा
ओट्स की छोटी कटोरी
4 बादाम/अखरोट
दोपहर 12:00 बजे
1/2 प्लेट भूरे चावल
1/2 प्लेट करी (अलग अलग दिनों में हरी पत्तेदार सब्जियों और मछली के साथ वैकल्पिक रूप से बदलते हुए)
दोपहर 2 बजे
1/2 प्लेट भूरे चावल और 1/2 प्लेट करी
संध्या 4 बजे
1 सेब/अमरुद/नारंगी
बिना चीनी के ग्रीन टी या बिना चीनी के लेमन टी
संध्या 5:00 बजे से लेकर 5:30 बजे तक
आधे घंटे तेजी से सेर करना
संध्या 7 बजे
1 रोटी & पसंदनुसार 1/2 प्लेट करी – जैसे पनीर, सब्जियां (कद्दू / भूमि के नीचे उगने वालो को छोड़कर), अंडे या चिकन (सप्ताह में केवल एक बार अधिकतम)
रात 9 बजे
1 रोटी & 1/2 प्लेट करी (वही जिसका उपयोग संध्या 7 बजे किया गया था)
1 कटोरी सलाद (खीरा, प्याज, टमाटर, नाशपाती इत्यादि)(नमक की मात्रा को कम रखे और निम्बू और सिरके से इसके स्वाद को समायोजित कीजिए)
प्रतिदिन 10 गिलास पानी पीजिए
इस लेख के लिए इतना ही, मधुमेह से जुड़े अधिक जानकारी प्राप्त करने के आप डॉ शेरोन बैसिल द्वारा मधुमेह पर लिखित इस ईबुक (Ebook) को खरीद सकते है ।
nice information